पहलगाम आन्तकी हमला: दो आरोपियों की रिमांड 10 दिन और बड़ी NIA ने साजिश की परतें खोली
कश्मीर न्यूज़ जुलाई 2025।
जम्मू कश्मीर के खूबसूरत पर्यटन स्थल पहलगाम में अप्रैल 2025 को हुआ भयानक आज की हम लेने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई और 16 लोगों के रूप से घायल हुए थे अब इस मामले में एक बड़ी अपडेट सामने आई है राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को इस केस में गिरफ्तार दो आरोपियों की हिरासत 10 दिन और बढ़ा दिए गई है ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके।
विशेष अदालत का फैसला।
सोमवार को जम्मू की एक विशेष एन ए एन आई ए डला में इस मामले की सुनवाई हुई अदालत ने दो आरोपियां प्रवेश अहमद झुठर और बशीर अहमद झुठर की डिमांड 10 दिन के लिए और बढ़ा दी है इससे पहले इन्हें 22 जून को गिरफ्तार किया गया था और 23 जून को स्थानीय अदालत में पेश किया गया था जहां 5 दिन की डिमांड मंजूर की गई थी इसके बाद मामला और लिए की विशेष अदालत को सोपा गया जिसने पहले 10 दिन की रिमांड दी थी अब यह रिमांड खत्म होने के बाद एजेंसी को 10 और दिन की छूट दी गई है
आरोपियों की भूमिका।
निया के मुताबिक प्रवेश और बशीर ने आतंकवादियों की मदद की और उन्हें छिपाने के लिए स्थान खाने-पीने की चीज और अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया यह आंतरिक की पाकिस्तान से आए थे और प्रतिबंधित अंत की संगठन लश्कर ए तैयबा एलईडी से जुड़े हुए थे उन्होंने पहलगाम के हिल पार्क इलाके में एक मौसमी झोपड़ी में रहकर हमले की योजना बनाई थी।
पूछताछ में आरोपियों ने यह भी कबूल किया है कि हमले में शामिल तीनों हाथ की पाकिस्तानी नागरिक थे इन आता क्योंकि पहचान और उनकी गतिविधियों की पुष्टि भी हो चुकी है बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी पहले से ही आंध्र क्यों के संपर्क में थे और जानबूझकर उनकी मदद कर रहे थे।
हमला जिसने देश को दहला दिया
22 अप्रैल 2025 को दोपहर के समय पर्यटकों पर हमला किया और फिरता को स्थान दिया बनाया जो एक विशेष है धर्म से जुड़े थे इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे और कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे इसके अलावा 16 लोग घायल हुए थे जिनमें से कुछ की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
यह हमला न सिर्फ इंसानियत के खिलाफ था बल्कि कश्मीर की खूबसूरत और शांति छवि को भी धूमिल करने की कोशिश थी पहलगाम जो हर साल लाखों सैलानियों को आकर्षित करता है इस हमले के बाद दर और दशहत के साए में आ गया।
एनआईए की जांच और नए खुलासे।
एन आई ए का कहना है कि वे इस हमले के पीछे के पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए जांच कर रही है परवेज और बशीर की हिरासत बढ़ाने के बाद उम्मीद जताई जा रही है की जांच एजेंसी को और हम सुराग मिल सकते हैं एजेंसी उन लोगों की तलाश में है जो सीधे या परोक्ष रूप से इस अंत की हमले से जुड़े हो सकते हैं।
इसके अलावा यह भी जांच की जा रही है कि आतंकियों को घाटी तक कैसे पहुंच गया उन्होंने किन-किन लोगों से संपर्क किया और इस हमले के फंडिंग कहां से हुई सूत्रों के मुताबिक हमले की फंडिंग भी सीमा पार से हुई थी और इसमें कुछ सारे लोग भी शामिल हो सकते हैं।
आतंकी हमलों का बदलता तरीका
पहलगाम हमले हमला दिखता है कि अब आतंकी संगठन ऑन की वजह स्थानी मदद के जरिए साजिश को अंजाम दे रहे हैं ढोक जैसे दूरदास और पहाड़ी क्षेत्र का इस्तेमाल छिपाने के लिए किया जाता है जहां पहुंच ना सुरक्षा बलों के लिए चुनौती पूर्ण होता है।
एनआईए ने यह भी बताया है कि इस तरह के हमले केवल आतंक फैलाने के लिए नहीं बल्कि सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और घाटी के सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की साजिश करी तहत किया जाते हैं इस बार अतीक उन्हें पर्यटकों को धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया जिसे साफ है कि इसके पीछे गहरी साजिश थी।
सुरक्षा व्यवस्था और कार्रवाई।
सामने के बाद केंद्र और राज्य सरकार ने पहलगाम और अन्य पर्यटन स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था कोड कर दिया है सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है सुरक्षा बालों की तैनाती और अगस्त को भी दोगुना कर दिया गया है इसके अलावा पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हेल्पलाइन नंबर और निगरानी तंत्र को मजबूत किया गया है
जम्मू कश्मीर पुलिस और अन्य एजेनसियो ने मिलकर अभियान चलाया है आज संख्याओं के संभावित किसानों पर छापेमारी जारी है और कई संदीप को विरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
स्थानीय लोगों का दर्द और गुस्सा।
इस हमले के बाद कश्मीर के आम लोगों में भी आक्रोश है स्थानीय नागरिकों का कहना है कि कश्मीर को बदनाम करने के लिए कुछ लगातार कोशिश कर रहे हैं स्थानीय व्यापारी होटल मालिक और गाइड कि हमले से बहुत प्रभावित हुए क्योंकि इसका असर सीधा पर्यटन पर पड़ा है जो घाटी की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है।
स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि दोषियों को सजा दी जाए और इस तरह के रोकथाम के लिए विशेष रणनीति बनाई जाए।
पहलगाम आतंकी हमला कब और कहाँ हुआ था?
पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुआ था। यह हमला उस समय किया गया जब बड़ी संख्या में पर्यटक इलाके में मौजूद थे। हमले में 26 लोगों की मौत हुई और 16 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
इस हमले में एनआईए (NIA) की जांच से क्या सामने आया है?
एनआईए की जांच में सामने आया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था और उन्हें स्थानीय सहयोग मिला था। आरोपियों परवेज अहमद झुठर और बशीर अहमद झुठर ने आतंकियों को पनाह देने, खाना-पीना और जरूरी सामान उपलब्ध कराने में मदद की। आतंकियों ने पहलगाम के हिल पार्क इलाके में एक झोपड़ी में हमले की योजना बनाई थी।
सरकार और प्रशासन ने इस हमले के बाद क्या कदम उठाए हैं?
हमले के बाद सरकार ने पहलगाम सहित अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों की सुरक्षा को और मजबूत किया है। सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई गई है, सुरक्षा बलों की तैनाती दोगुनी की गई है और एक विशेष हेल्पलाइन और निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है ताकि पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निष्कर्ष।
पहलगाम हमला केवल एक अंक की घटना नहीं बल्कि एक सूची समझी साजिश थी जिसका उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं बल्कि धार्मिक और सामाजिक सो हार्ड को चोट पहुंचाना था इस हमले ने एक बार फिर दिखा दिया कि आतंकवाद किस हद तक इंसानियत को शर्मसार कर सकता है एनआईए की जांच से अब तक के सामने आए हैं वह इस बात की पुष्टि करते हैं कि हमला बहुत ही संगठित तरीके से किया गया और इसमें स्थानीय मदद भी शामिल थी अब एजेंसी की कोशिश किया जाए और दोषियों को न्याय से कटघरे में लाया जाए। देशभर के लोग इस हमले की निंदा कर रहे हैं और पीड़ितों के परिवारों के साथ अपनी संवेदनाएं हैं अब किस बात पर अब सब की निगाहें की जांच एजेंसियां क्या खुला से करती हैं और क्या इस आंसर की नेटवर्क की जड़े पूरी तरह से खत्म की जा सकेगी
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