जम्मू कश्मीर में नशे के जरिए पाकिस्तान से चल रही थी साजिश

ड्रग्स के जरिए युवाओं को गुमराह करने की साजिश का खुलासा।            

जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान लगातार नए-नए हथकंडे अपना रहा है हाल ही में की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं बल्कि यह भी दिखा दिया है कि अब आंतकवादी संगठन नशे के कारोबार कीजिए भी अपना नेटवर्क चला रहे हैं।  

जांच एजेंसी (SIA) स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी मैं एक बड़ा खुलासा करते हुए charge sheet दाखिल की है इसमें बताया गया है कि कैसे ड्रग्स की कमाई को आतंकवाद की फंडिंग में इस्तेमाल किया जा रहा था यह पाकिस्तान में हिज्बुल मुजाहिदीन अहमद भट्ट के इशारे पर रची गई थी। 

  

जम्मू कश्मीर में नशे के जरिए पाकिस्तान से चल रही थी साजिश

                             

कौन है बशारत अहमद भट्ट। 

बशारत अहमद भट्ट हिज्बुल मुजाहिदीन का एक कुख्यात आतंकवादी है जो इस समय पाकिस्तान में छिपा बैठा है। वह जम्मू में आतंकवादी गतिविधियों को फाइनेंस और प्लान करता है।                         

SIA की जांच में ये बात सामने आई है कि ड्रग्स की बिक्री से जो पैसा इकट्ठा होता था वह सीधे या परोक्ष रूप से उसके निर्देशन पर एक आरोपी के अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था।                    

यह नेटवर्क सिर्फ आंसर क्यों सीमित नहीं था बल्कि इसमें कई स्थानीय लोग भी शामिल थे कम कर रहे थे कुछ आरोपियों ने बाकायदा दूसरे लोगों को को इस अवैध धंधे में नौकरी पर रखा था ताकि नशे का कारोबार सुचारू रूप से चलाता  रहे।

                

नशे के जाल में फंसाए जा रहे हैं कश्मीरी युवा:

यह घटना केवल कानून व्यवस्था का मामला नहीं है बल्कि यह सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा एक गंभीर मुद्दा भी है कश्मीर में बेरोजगारी तनाव और अस्थिरता पहले से ही युवाओं को प्रभावित करती है अब आतंकवादी संगठन इसका फायदा उठाकर उन्हें ड्रग्स की ग्रिफ्त में ले रहे हैं एक बार जब कोई युवा इस जाल में फंस जाता है तो उससे किसी भी तरह का काम करवाना आसान हो जाता है चाहे वे नशा बेचना हो या आन्तकी गतिविधियों में शामिल होना।  

इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों पर आरोप है कि वह न केवल ड्रग्स की तस्करी करते थे बल्कि उसे छोटे-छोटे हिस्सों में बांधकर छात्रों और युवाओं तक पहुंचा यह एक सोची समझी रणनीति थी ताकि समाज का आधार यानी युवा वर्ग धीरे-धीरे खोखला हो जाए। 

                                                            

SIA की करवाई फंडिंग रोकने की दिशा में बड़ा कदम।                                                              

सिया ने अपने चार्ज शीट में यह साफ कहा है कि यह मामला केवल नशे की तरह तस्करी का नहीं बल्कि एक बड़ी आंत की साजिश का हिस्सा है जांच एजेंसी का मानना है कि इस नेटवर्क में और भी लोग शामिल है हो सकते हैं जिनकी तलाश की जा रही है                                                           

SIA ने इस केस को आंतरिक फंडिंग के खिलाफ अपने अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है 

एजेंसी का कहना है कि वह जम्मू-कश्मीर की स्थिरता और शांति की ओर ले जाने के लिए आतंकवाद से जुड़ी हर आर्थिक व्यवस्था को एफ करने के लिए पूरी तरह प्रसिद्ध है पाकिस्तान की रणनीति जगह छुपे हमले    

यह पहली बार नहीं है जो पाकिस्तान पर. को समर्थन देने का आरोप लगा है लेकिन अब उसने सीधे हम लोग की जगह प्रॉक्सी वॉर का रास्ता अपनाया है ड्रग्स सोशल मीडिया प्रोपेगेंडा और फेक न्यूज़ जैसे माध्यमों से युवाओं को गुमराह करने की साजिश से रच रहा है।                                        

 फेसबुक संगठन पाकिस्तान की शहर पर काम कर रहे हैं और अब उनके पास ड्रग्स के पैसे से मिलने वाली आर्थिक ताकत भी है इसे अंत क्यों की फंडिंग आसान हो जाती है और जांच एजेंसियों के लिए उन्हें पकड़ना और मुश्किल हो जाता है   


जम्मू कश्मीर में शांति बनाए रखना एक बड़ी चुनौती।

 पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार और सुरक्षा बलों की ओर से लगातार कोशीशे की जा रही है जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर विकास और शांति के रास्ते पर लाया जाए परंतु इस प्रकार की साजिश उन प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश करती है   

SIA और और सुरक्षा एजेंसी की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि स्थानीय लोग कितनी सजकता दिखाते हैं और इन अवैध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस या संबंधित विभागों को देते हैं 

जम्मू-कश्मीर में ड्रग्स और आतंकवाद के बीच क्या संबंध है?

जम्मू-कश्मीर में जांच एजेंसियों की रिपोर्ट से पता चला है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन ड्रग्स तस्करी से होने वाली कमाई का उपयोग आतंकवाद की फंडिंग के लिए कर रहे हैं। ड्रग्स के माध्यम से न सिर्फ युवाओं को नशे की गिरफ्त में लिया जा रहा है, बल्कि उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने की रणनीति भी अपनाई जा रही है।

बशारत अहमद भट्ट कौन है और उसकी भूमिका क्या रही?

बशारत अहमद भट्ट हिज्बुल मुजाहिदीन का एक मोस्ट वांटेड आतंकी है, जो इस समय पाकिस्तान में छिपा बैठा है। SIA की जांच के अनुसार, उसने जम्मू-कश्मीर में ड्रग्स नेटवर्क को नियंत्रित किया और उसकी फंडिंग को आतंकी गतिविधियों के लिए निर्देशित किया। उसकी साजिशों के तहत स्थानीय युवाओं को नशे और आतंकवाद दोनों में धकेला जा रहा है।

SIA की कार्रवाई का क्या असर पड़ेगा?

SIA (State Investigation Agency) की यह कार्रवाई आतंकवाद की फंडिंग रोकने की दिशा में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। इससे न सिर्फ ड्रग्स नेटवर्क को कमजोर किया जा सकेगा, बल्कि आतंकियों की आर्थिक जड़ें भी काटी जा सकेंगी। अगर इस तरह की कार्रवाई स्थानीय लोगों के सहयोग से लगातार होती रही, तो जम्मू-कश्मीर में स्थायी शांति और विकास की राह और मजबूत होगी।

निष्कर्ष: 

नशा और आतंक के जोर को तोड़ना जरूरी  जम्मू कश्मीर के इस मामले से यह स्पष्ट हो गया है कि अब आतंकवाद और नशा दो अलग-अलग मुद्दे नहीं रहे दोनों का आपसी घाट जोड़ एक गंभीर खतरा बन चुका है यदि इस नेटवर्क को समय रहते नहीं तोड़ा गया तो इसका असर पूरे भारत पर पड़ सकता है                                                      सरकार एजेंसियों और समाज को एक साथ आकर इस जहर के खिलाफ आवाज उठानी होगी युवाओं को सही दिशा देना शिक्षा और रोजगार के अवसर बढ़ाना और नशे के खिलाफ बड़ा कानून लागू करना समय की आवश्यकता

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